मोहाली में बैग पर चार्ज करना संचालक को पड़ा महंगा ,10 हजार हुआ जुर्माना
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मोहाली में बैग पर चार्ज करना संचालक को पड़ा महंगा ,10 हजार हुआ जुर्माना

मोहाली में बैग पर चार्ज करना संचालक को पड़ा महंगा

मोहाली में बैग पर चार्ज करना संचालक को पड़ा महंगा ,10 हजार हुआ जुर्माना

मोहाली।
ग्राहकों द्वारा खरीदे सामान पर दुकानदारों द्वारा कैरी बैग चार्ज करने को लेकर कंज्यूमर कोर्ट कई बार हर्जाना लगा चुका है। इसके बावजूद कई बड़ी दुकानों और शापिंग मॉल आदि में ग्राहकों से कैरी बैग चार्ज किया जा रहा है। मोहाली के नार्थ कंट्री मॉल में बने सेंट्रल ब्रांड न्यू के खिलाफ मोहाली डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने सख्त आदेश जारी किया है।

कोर्ट ने सेंट्रल ब्रांड न्यू को आदेश दिए कि 10 हजार रुपए पीजीआई, चंडीगढ़ के पेशेंट वेलफेयर फंड में जमा करवाए। यह रकम कोर्डियोलॉजी विभाग में गरीब मरीजों की मुफ्त दवाइयों पर खर्च किए जाए। वहीं शिकायतकर्ता को 1 हजार रुपए हर्जाना भरे। कमीशन के प्रेजिडेंट संजीव दत्त शर्मा ने यह आदेश जारी किए हैं।

बिलिंग के दौरान कैरी बैग का रेट बताना शर्मिंदा करना

कोर्ट ने कहा कि सामान की पेमेंट करने के दौरान ग्राहक को कैरी बैग की जानकारी देना ग्राहक के लिए शर्मिंदगी और आउटलेट द्वारा शोषण करना है। यह ग्राहक पर अतिरिक्त बोझ डालना है। इसे सेवा में कोताही और कुप्रथा कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि अपने इस कृत्य के जरिए सेंट्रल ब्रांड न्यू ने कई ग्राहकों से हजारों रुपए वसूले होंगे। इस कुप्रथा को रोकने के लिए सेंट्रल ब्रांड न्यू पर विशेष जुर्माना लगाना पड़ेगा ताकि समाज को सही संदेश जाए और इस प्रथा को अपनाने से पहले व्यापारी कई बार सोचे।

कंपनी के नाम वाला कैरी बैग दिया

मोरिंडा के यादविंदर सिंह ने मोहाली-खरड़ सड़क पर स्थित नार्थ कंट्री मॉल में बने सेंट्रल ब्रांड न्यू को इसके एमडी के जरिए पार्टी बनाते हुए शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता ने 29 दिसंबर, 2019 को तीन चीजें खरीदी थी। सेंट्रल ब्रांड न्यू ने उनसे कैरी बैग के अलग से पैसे वसूले थे। इसका शिकायतकर्ता ने विरोध भी किया था। कैरी बैग पर शोरुम का नाम भी लिखा हुआ था। कंज्यूमर कोर्ट ने सेंट्रल ब्रांड न्यू को नोटिस जारी किया मगर इसकी तरफ से कोई जवाब देने नहीं आया। ऐसे में कोर्ट ने इसे 13 अगस्त, 2020 को एक्सपार्टी घोषित कर दिया था। हालांकि बाद में इसकी तरफ से वकील पेश हुआ और केस में पक्ष रखने की मांग की। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

साइन बोर्ड और घोषणा पर भी दायित्व से मुक्त नहीं हो सकते :कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि सामान्यत: रिटेल आउटलेट द्वारा ग्राहकों की सुविधा के लिए बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सामान के साथ कैरी बैग देना होता है। जिससे ग्राहक खरीदा हुआ सामान अपने घर तक ले जा सके। कोर्ट ने कहा कि कैरी बैग को लेकर साइन बोर्ड और घोषणाएं करने के बाद भी सेंट्रल ब्रांड न्यू ग्राहक के प्रति अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो सकता। कैरी बैग को ग्राहक पर अपने तय रेट पर थोपने को कोर्ट ने अनैतिक व्यापारिक गतिविधि माना। ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।


कोर्ट ने कहा कि बाजार में यह कुप्रथा चल रही है। कोर्ट ने कहा कि ग्राहकों को रिटेल आउटलेट में सामान खरीदने से पहले कैरी बैग की अतिरिक्त रकम वसूले जाने की जानकारी प्राप्त होने का अधिकार होना चाहिए था। उन्हें कैरी बैग के रेट और इससे जुड़ी जानकारी बताया जाना उनका अधिकार होना चाहिए। वहीं इस संबंध में पहले उन्हें जानकारी देना भी उनका अधिकार होना चाहिए ताकि उनके पास अन्य आउटलेट से सामान खरीदने का विकल्प बना रहे।

कंज्यूमर कोर्ट ने कहा कि पहले प्रचलन था कि जब दुकानदार कोई सामान बेचता था तो वह ग्राहकों को प्लास्टिक कैरी बैग में सामान डाल कर देता था। इसके बाद लगभग पूरे देश में प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध लग गया था। कोर्ट ने कहा कि ग्राहकों में यह धारणा है कि पुरानी प्रैक्टिस के तहत उनके सामान खरीदने पर उनसे कैरी बैग के पैसे नहीं वसूले जाएंगे। शिकायत में कहा गया कि ग्राहक को अज्ञात विनिर्देशों वाला कैरी बैग सेंट्रल ब्रांड न्यू द्वारा तय रेट पर खरीदने के लिए विवश किया गया।